भाजपा-कांग्रेस की साझा सरकार के पक्ष में शत्रुघ्न
राष्ट्रीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभा मंडल के बीच अभिनेता से नेता बने भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक अजीबोगरीब बयान दे दिया है। वह चाहते हैं कि अगले आम चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस को न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर गठबंधन सरकार बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। बकौल बिहारी बाबू, 'राष्ट्र हित में ऐसा करना वक्त की मांग है।'
वाशिंगटन। राष्ट्रीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभा मंडल के बीच अभिनेता से नेता बने भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक अजीबोगरीब बयान दे दिया है। वह चाहते हैं कि अगले आम चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस को न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर गठबंधन सरकार बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। बकौल बिहारी बाबू, 'राष्ट्र हित में ऐसा करना वक्त की मांग है।'
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अमेरिका दौरे पर आए सिन्हा का कहना है, 'दोनों दलों की साझा सरकार का उनका दृष्टिकोण भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के 'इंडिया फर्स्ट' की अवधारणा से मेल खाता है।' उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के नेता अगर इस दिशा में कोई निर्णय लेते हैं तो इससे देश में एक मजूबत और स्थायी राष्ट्रीय सरकार का गठन हो सकेगा।
सिन्हा की दलील है कि दोनों दलों के बीच साझा सरकार बनाने को लेकर बात बन जाती है तो इससे अगले आम चुनाव में खंडित जनादेश मिलने की स्थिति में क्षेत्रीय और छोटे दलों की ब्लैकमेलिंग से बचा जा सकेगा। 67 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा कि देश को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वह इस प्रकार की बात कर रहे हैं।
सिन्हा ने कहा, 'यह निश्चित रूप से मेरी पार्टी की राय नहीं है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि एक दिन यह मेरी पार्टी का दृष्टिकोण भी हो सकता है। उम्मीद है भविष्य में कांग्रेस भी मेरी बात से सहमत हो सकती है।' बिहारी बाबू का कहना था, 'यह इंडिया फर्स्ट का समय है, न कि पार्टी फर्स्ट का।
त्रिशंकु संसद की स्थिति में दानों दलों को गठबंधन सरकार बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।'
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